क्रिसमस की पूर्व संध्या(ईव) क्यों और कैसे मनाया जाता हैं?

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CHRISTMAS EVE

"CHRISTMAS EVE या क्रिसमस की पूर्व संध्या" हर साल 24 दिसम्बर यानी क्रिसमस से ठीक एक दिन पहले संध्या के समय मनाया जाता है जिसे इसाई धर्म में क्रिसमस ईव के नाम से जाना जाता है।

मुख्यतः  इस दिन लोग अपने घरों की साफ़ सफाई और सजाने में अपना ज्यादा समय लगाते है और संध्या समय गिरजाघरों में जाकर प्रार्थना करना पसंद करते है।

Christmas Eve Meaning in Hindi

ईव  किसी भी त्यौहार और उत्सव  के एक दिन पूर्व समय को कहा जाता हैं, हर उत्सव और त्यौहार के ईव (EVE) का अपना अलग-अलग रीती-रिवाज और मनाने का तरीका हैं,

जैसे हिन्दुओ में, दिवाली के एक दिन पहले दिवाली ईव को नरक चतुर्दशी के रूप में मनाते हैं | ठीक उसी प्रकार इसाई लोग, क्रिसमस डे से पूर्व यानि 24 दिसम्बर को क्रिसमस ईव के रूप मनाते हैं, वही दूसरी तरफ अगर क्रिसमस का मतलब जानना हैं तो , हमारे इस पोस्ट को जरूर पढ़े।

क्यों मनाते हैं CHRISTMAS EVE

जीसस का कोई प्रमाणिक जन्म उपलब्द नहीं हैं फिर भी हम क्रिसमस हर साल 25 दिसम्बर को मनाते आ रहे हैं, वहीँ दूसरी तरफ किसी भी बड़े त्यौहार की की सुरवात के लिए हमें बहुत से छोटी -बड़ी चीजों की आवश्कता होती हैं, जिसके कारण अधिकतर देशों क्रिसमस के शौपिंग के लिए ब्लैक फ्राइडे सेल की भी सुरूवात हो जाती है।

लोग क्रिसमस में अपने घरों ,द्वारों को काफी शौक से सजाना पसंद करते हैं, और इतना सारा काम उस त्यौहार के दिन संभव नहीं है, इसीलिए लोग क्रिसमस से पहले क्रिसमस ईव मनाते है।

दूसरी मत के अनुशार, संत निकोलस का भोज (Feast of St. Nicholas) प्रत्येक वर्ष 6 दिसम्बर को मनाया जात था, लेकिन 16 वी सताप्दी के बाद इसे 24 दिसम्बर को मनाये जाने लगा है।

कैसे मनाये CHRISTMAS EVE

25 दिसम्बर के एक दिन पहले यानि 24 दिसम्बर (शुक्रवार ) को इसाई धर्म के लोग अपने घरों तथा चर्चो (गिरजाघरों ) में सफाई करते हैं और उसे रंग बिरंगे लाइट्स , रंग बिरंगे बैलून , कागज की फन्तंगे, फूलों की माला तथा अन्य प्रकार की सजावट करते हैं | इसके अलावा क्रिसमस ट्री को लाइट्स , छोटे छोटे रंग बिरंगे गिफ्ट, चमकीले चाँद सितारें ,छोटे छोटे रंग बिरंगे बॉल और सांता क्लाउस की टोपी से डेकोरेट करते हैं।

पेपर का क्रिसमस ट्री बनाने के आसान तरीके

क्रिसमस ईव की रात सभी इसाई लोगों के युवाओं एकत्रित होकर कैरेल्स प्रथा को सभी के घर जाकर प्रभु जीसस के जन्म से जुड़ी गीतों को गातें हैं और प्रभु ईशा मसीह के जन्म के बारे में बताने के लिये झाकियां को भी सजातें हैं।

इसके अलावा गिरजाघरों में पादरी और क्रिश्चियन (इसाई ) धर्म के लोंग हाथों में कैंडल ले कर प्रभु ईशा मसीह से प्राथना करते हैं | इसके अलावा इस दिन गरीब लोगों को सर्दियों की कपड़े और खाना खिलतें हैं, सभी मित्र , भाई-बहन, और बड़े बुजूर्ग एक दुसरे को गिफ्ट साझा करतें हैं।

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