रामनवमी ( Ramnavami ) कब, कैसे और क्यों मनाई जाती है

रामनवमी ( Ramnavami ) कब मनाई जाती है

रामनवमी


रामनवमी ( Ramnavami ) एक हिंदू धर्म सभ्यता का त्योहार है जो चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है , जो वर्ष में एक बार आती है रामनवमी चैत्र मैं मार्च-अप्रैल माह के महीने में मनाया जाता है 2022 में फ्रेंडशिप डे कब है


इस बार यह 2021 में तिथि 21 अप्रैल दिन बुधवार को को मनाया जाएगा | और पिछले वर्ष की तिथि कुछ इस प्रकार थी 

  • रामनवमी वर्ष 2020 में तिथि 2 अप्रैल दिन गुरुवार को थी |

  • रामनवमी वर्ष 2019 में तिथि 14 अप्रैल दिन रविवार को थी |

  • रामनवमी वर्ष 2018 में तिथि 25 मार्च दिन रविवार को थी |

  • रामनवमी वर्ष 2017 में तिथि 5 अप्रैल दिन बुधवार को थी |

  • रामनवमी वर्ष 2016 में तिथि 15 अप्रैल दिन शुक्रवार को थी |

  • रामनवमी वर्ष 2015 में तिथि 28 मार्च दिन शनिवार को थी |

रामनवमी क्यों मनाई जाती है

रामनवमी पिछले हजारों वर्ष से मनाया जा रहा है | जो चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है | और कहा जाता है कि इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था।


भगवान श्री राम जी का जन्म त्रेता युग मैं धर्म की स्थापना के लिए हुआ था। और कहां जाता है कि लंकापति रावण जैसे दुष्ट पापियों का संहार करने के लिए। भगवान विष्णु ने अपने सातवें अवतार के रूप में भगवान श्रीराम का जन्म लिया था।


हिंदुओं के कथाओं के अनुसार कहा जाता है। अयोध्या के राजा दशरथ की तीन रानियां थी। बड़ी रानी कौशल्या, दूसरी रानी कैकेयी और तीसरी रानी सुमित्रा थी। लेकिन राजा दशरथ को इन तीनों रानियों में से किसी से भी संतान की प्राप्ति नहीं हुई। जिसके कारण राजा दशरथ बहुत चिंतित थे।


तत्पश्चात राजा दशरथ ने पुत्र वाल्मीकि अपनी इच्छा को अपने कुलगुरू महर्षि वशिष्ठ को बताया। महर्षि वशिष्ठ ने सोच-विचार कर राजा दशरथ को महर्षि ऋषि श्रृंगी के पास जाने को कहे। जब राजा दशरथ महर्षि ऋषि श्रृंगी के पास पहुंचे तो ऋषि श्रृंगी ने पुत्र प्राप्ति के लिए कमेष्टि यज्ञ कराने की प्रावधान बताएं।


तो राजा दशरथ ने उनकी बात मान कर कमेष्टि यज्ञ कराने की तैयारी की और महर्षि ऋषि श्रृंगी के अनुसार यज्ञ करवाया। यज्ञ करवाने के दौरान अग्नि समृद्धि दी जा रही थी तब अग्निकुंड से अग्निदेव प्रकट हुए और उन्होंने एक कटोरे से भरा खीर को राजा दशरथ को दे दिए। महर्षि ऋषि श्रृंगी ने कहा इस कटोरी से भरे खीर को प्रसाद के रूप में अपनी तीनों रानियों को दे दी जाए।


जब उन तीनों रानियो ने वह खीर प्रसाद के रूप में खाई कुछ माह पश्चात तीनों रानियां गर्भावती हो गई। इसके बाद बड़ी रानी कौशल्या के गर्भ से शुक्ल पक्ष की नवमी को भगवान श्रीराम का जन्म हुआ। उसके बाद शुभ नक्षत्रों और शुभ घड़ी में रानी कैकयी ने भारत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघ्न को जन्म दिया।

रामनवमी कैसे मनाया जाते हैं

रामनवमी हिंदुओं का धार्मिक व पारंपरिक त्यौहार है । और इस त्यौहार का महत्व हिंदुओं में बहुत ज्यादा है। पूरे भारत में इस त्यौहार को बहुत ही धूमधाम से हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इस दिन बहुत से लोग अयोध्या पहुंचकर सरयू नदी मै स्नान करते हैं,


और भगवान श्रीराम को याद करते हुए। घरों व मंदिरों मैं सबसे पहले भगवान श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण की मूर्तियों पर जल, रोली, चंदन, कमल का फूल, और लेपन कर तथा मुट्ठी भर चावल चढ़ाया जाता है। इस पर्व को हिंदू धर्म सभ्यता में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है


इसके साथ साथ मां दुर्गा के नवरात्रों का समापन भी होता है। शायद इसलिए आज इस पर्व को राम-नवमी कहा जाता है। पूजा के समय खीर व फलों को प्रसाद के रूप में भगवान को भोग लगाया जाता है। इसके बाद धूप ,अगरबत्ती दिखाई जाती है।


तत्पश्चात भगवान श्री राम कि चालीसा या राम चरित्र मानक का पाठ करते हैं। इसके साथ-साथ भजन कीर्तन भी करते हैं। और बहुत से भक्तजन पूजा करने के पश्चात व्रत भी रखते हैं। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से सभी मनोकामना पूरी होती है और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।


भगवान श्री राम के साथ-साथ पवन पुत्र हनुमान जी का भी पूजा अर्चना किया जाता है। कहां जाता है कि दुनिया के सबसे बड़े राम भक्त हनुमान जी ही है जिन्होंने अपना जीवन राम जी की सेवा सत्कार, सहायता में समर्पित कर दिया।


रामनवमी के इस महापर्व पर ऐसा कहा जाता है कि हनुमान जी आज के दिन सबसे अधिक प्रसन्न रहते हैं। और इससे दिन जो राम जी का नाम लेकर हनुमान जी का पूजा अर्चना करते हैं।


हनुमान जी उसकी सभी मनोकामना पूरी करते हैं। यही कारण है कि हनुमान जी का पूजा राम नवमी के दिन किया जाता है।


SumitDevs

Hi, my name is Sumit and I am a Blogger as well as a web developer since 2018. For any further queries on web development and blogging, you can contact me.

For Dofollow backlink contact me

Post a Comment (0)
Previous Post Next Post