जाने Ganesh Chaturthi 2022 में कब कैसे मनाया जायेगा, गणेश चतुर्थी का सुबह मुहूर्त, पूजा विधि और महत्त्व


गणेश चतुर्थी Ganesh Chaturthi  या विनायक चतुर्थी हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार हैं जिसे मुख्यत महारास्ट्र, में मनाया जाता हैं। मान्यता है की इसी दिन भगवान गणेश Lord Ganesha का जन्म हुआ था और पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान गणेश अपनी माता पारवती, के साथ इसी दिन  कैलाश से धरती पे आई थी, जिसके फलस्वरूप हम सभी गणेश चतुर्थी मनाते हैं। Friendship Day


हमारे पुरानो में भगवान  गणेश को समृद्धि , बुद्धि और सोभाग्य का देवता कहा गया हैं। जहाँ पर गणेश का शाब्दिक अर्थ हैं। पवित्रकों का स्वामी अर्थात कोई भी पवित्र काम करने जैसे पूजा, हवन और शुभारम्भ में सबसे पहले भगवान गणेश का ध्यान करना अनिवार्य हैं। One line birthday wishes for bestie


भगवान गणेश की कई लीलाये हैं, वो अपने भक्तो का सभी दुःख हर कर, उन्हें सफलता का मार्ग दिखाते हैं, ऐसे में अगर आप भी विघ्नेश्वर के इस महापर्व गणेश चतुर्थी के बारे जानना चाहते हैं तो , गणेश चतुर्थी 2021 का टिप्पिनी जरूर पढ़े। Ramnavami


उसके साथ ही हमने भगवान गणेश के पारंपरिक पूजा विधि और  साथ में गणेश चतुर्थी से जुड़े पौराणिक कथायों के बारे में भी बताया हैं। वैसे आजकल सोशल मीडिया पर गणेश चतुर्थी के विशेस भेजना स्टेटस लगाना आम हो गया हैं। Friendship day in Hindi


जिसको देखते हुँए हमने भी भगवान गणेश से जुड़े हुवे विशेस और शायरी लेकर आये हैं जिसे अपने स्टेटस पर भी लगा सकते हैं।

गणेश चतुर्थी कब मनाया जाता है

अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से,  गणेश चतुर्थी  प्रतिवर्ष अगस्त के अंतिम सप्ताह या सितम्बर के पहले सप्ताह के बिच मनाया जात हैं वही दूसरी तरफ हिन्दू कैलेंडर के हिसाब से  गणेश चतुर्थी  प्रतिवर्ष भाद्रमास  के शुक्ल पक्ष के चोथे दिन मनाया जात है, 

गणेश चतुर्दशी 2021

हलाकि 2022 में  गणेशोत्सव 10 सितम्बर से सुरू होगा और अनन्त चतुर्दशी यानी 19 सितम्बर को ख़तम होगा

शुभ मुहूर्त 2022

वेदों  के अनुसार किसी भी पूजा को उसके शुभ मुहूर्त में करना अति फलदायक होता हैं, ऐसे में अगर आप भी गणेश चतुर्थी 2022 के पूजा विधि को सुबह मुहूर्त में संपन्न करना चाहते हैं तो निचे आपको हिन्दू पंचांग के अनुसार सुबह मुहूर्त दिया गया हैं,

चतुर्थी तिथि आरम्भ और समाप्ति समय 

आरम्भ  समय 

समाप्ति समय 

मध्य रात्रि 10 सितम्बर 12:18 AM

रात्रि 10 सितम्बर 09:57 PM


शुभ मुहूर्त  आरम्भ और समाप्ति समय 

आरम्भ  समय 

समाप्ति समय 

दोपहर  10 सितम्बर 11:03 AM

दोपहर  10 सितम्बर 1:33 PM


अनन्त चतुर्दशी आरम्भ और समाप्ति समय 

आरम्भ  समय 

समाप्ति समय 

दोपहर  19 सितम्बर 09:12 AM

दोपहर  19  सितम्बर ०८:53 PM

पूजा विधि 

पूजा विधि जगह और समुदाय के साथ बदलते रहते हैं, लेकिन पूजा का सम्पनता भक्त के भक्ति भाव से होता हैं, फिर भी पूजा करने के लिए आप अपने घरों की पारम्परिक विधि को ही अपनाये  

अगर आप सर्प्रथम पूजा का आयोजन कर रहे हैं तो अपने बुजुर्गो से जरूर सलाह ले 

अन्यथा आप गणेश पूजन के लिए हमारे दिए गए विधि का भी अनुसरण कर सकते हैं 


सर्वप्रथम खुद स्नान करके स्वच्छ आसन पद बैठ जाए और भगवान गणेश को पंचामृत से स्नान करवाएं,  इसके उपरान्त केसरिया चंदन, अक्षत, दूर्वा, पुष्प, दक्षिणा और भगवान गणेश के पसंदीदा भोग अर्पित करें.


गणेशोत्सव के दौरान, गणेश चतुर्थी की कथा, गणेश पुराण, गणेश चालीसा, गणेश स्तुति, श्रीगणेश सहस्रनामावली, गणेश जी की आरती, संकटनाशन गणेश स्तोत्र इत्यादी का पाठ करें. 


अपने श्रध्दा के अनुशार भगवान गणपति के मंत्र का भी उच्चारण करें और रोजाना सुबह और शाम भगवान गणेश की प्रतिमा की आरती करें फलस्वरूप ऐसे करने से आपके परिवार के सभी विघ्न दूर होंगे

गणेश चतुर्थी का महत्व

सभी देवों में सर्वप्रथम आराध्य भगवान गणेश विघ्नहर्ता है, वो अपने सभी भक्तों का विघ्न हर उन्हें सफलता का मार्ग दिखाते हैं भगवान गणेश को ज्ञान, समृधि , बुद्धि और सौभाग्य का देवता हैं, ऐसे में भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने से आपके सारे दरद्रिता, आज्ञानता दूर होंगे


दस दिनों तक चलने वाला महा गणेशोत्सव आपके घर में शकारात्मक उर्जा का स्तापित करेगा और साथ में सभी नाकारात्मक भाव को आपके घर से दूर रखेगा

गणेश चतुर्थी की पौराणिक कथा

गणेश चतुर्थी से जुड़े कई पौराणिक कथाये हैं, लेकिन उनमे से कुछ कथाये प्रचलित हैं शिवपुराण में एक कथा का वर्णन मिलता है

माता पार्वती के स्नान समय में अक्सर भवन शिव आ जाते थे, जिसके कारन, एक बार माता पर्वाती ने स्नान से पूर्व अपने मैल से एक बालक उर्फ़ भगवान गणेश को उत्पन कर अपना द्वारपाल बना दिया, उसके उपरान्त भगवान शिव भी पधारे लेकिन इस बार प्रभु स्नान गृह के बाहर ही रोक दिए गए थे 


लाख कोसिस करने के बाद भी जब भगवान शिव को प्रवेश नहीं मिला तो गुस्से में आकर उन्होंने उस बालक का सर धर से अलग कर दिया, तभी इतने में ही माता पार्वती आ जाती हैं


अपने पुत्र को मारा देख कर माता जोर -जोर से विलाप करने लगती हैं, भगवान शिव माता पार्वती की यह दुर्दशा देख न सखे और उन्होंने एक हाथी का सर जोड़ गणेश को पुनर्जीवित किया जिसे आज हम सभी गणेश चतुर्थी के रूप में मनाते हैं  

श्री गणेश स्टेटस इन हिंदी

निचे आपको गणेश चतुर्दशी से जुड़े श्री गणेश भगवान का स्टेटस आपको हिंदी में मिल जायेगा जिसे आप किसी भी सोशल मीडिया पर लगा सकते हैं।

GANESH CHATURTHI STATUS IN HINDI

GANESHA STATUS IN HINDI

गणपती बाप्पा मोरया शायरी

पग-पग में फूल खिले, हर ख़ुशी आपको मिले,

कभी न हो दुखों का सामना,

यही हैं मेरी गणेश चतुर्थी की शुभकामना।

गणपति बाप्पा मोरया।

इस गणेशोत्सव, भगवान गणेश आपके सभी दुखो को हर, 

प्रगति का मार्ग प्रदान करे 

उत्सव तो बहुत हैं लेकिन गणेशोत्सव जैसे नहीं ,

भगवान तो बहुत हैं लेकिन गणेशा जैसा नहीं 

भगवान गणेश के ज्योति से नूर मिलता हैं 

सभी के दिलो को सुरूर मिलता हैं 

जो भी जाते हैं गणेशा के द्वार 

कुछ न कुछ उनकों जरूर मिलता हैं 

नए काम की सुरूवात अच्छी हो 

हर मनोकामना सची हो 

गणेशा का मन में वास रहे

इस गणेश चतुर्थी आप अपने के पास रहे


SumitDevs

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